Tally short basic Accounting in
Hindi part 1
Dosto tally seekhne ke liye Basic Accounting aana Bahut
Jajuri He. Lekin ham dekhte ager hum free me tally me work karne ke liye basic
Accouting seekhna chahte he to fir kitabo se accouting seekhte he lekin kitabo
me bahut long tarike se likha hota he or wah hame samaj me puri tarah se nahi
ata he.
To dosto hamne
apke liye hindi me sort basic accouting banayi he jo ki only tally me work
karne ke liye ani jaruri he he
Basic Accouting in hindi
• Accounting :- एकाउंटिंग यह एक प्रक्रिया है पहचान करने की, रिकॉर्डिंग, सारांश और आर्थिक जानकारी
की रिपोर्टिंग की, जो निर्माताओं के लिए
वित्तीय ब्यौरा देकर निर्णय लेन के लिए मददत करता है |
Advantages of Accounting :-
•
निमंलिखित एकाउंटिंग रखने से लाभ होता है -
1) एकाउंटिंग से हम किसी विशेष समय की अवधि में लाभ या हानि हुई है यह समझ सकते है।
निमंलिखित एकाउंटिंग रखने से लाभ होता है -
1) एकाउंटिंग से हम किसी विशेष समय की अवधि में लाभ या हानि हुई है यह समझ सकते है।
•
2) हम कारोबार के निम्न वित्तीय स्थिति को समझ सकते है
अ) व्यवसाय में है कितनी सम्पति है|
ब) बिजनेस पर कितना ऋण है|
ग) बिजनेस में कितनी किपटल है|
3) इसके अलावा, हम एकाउंटिंग रखने से बिजनेस के लाभ या हानि के कारण को समझ सकते है |
ऊपर दिए गय फायदो से हमें आसानी से यह समझ में आता है की एकाउंटिंग बिजनेस की आम है|
2) हम कारोबार के निम्न वित्तीय स्थिति को समझ सकते है
अ) व्यवसाय में है कितनी सम्पति है|
ब) बिजनेस पर कितना ऋण है|
ग) बिजनेस में कितनी किपटल है|
3) इसके अलावा, हम एकाउंटिंग रखने से बिजनेस के लाभ या हानि के कारण को समझ सकते है |
ऊपर दिए गय फायदो से हमें आसानी से यह समझ में आता है की एकाउंटिंग बिजनेस की आम है|
• Defination
:-
• accounting learning Keyward
1) Goods :- माल को बिजनेस में नियिमत और मुख्य रूप से खरीदा और बचा जाता है | उदाहरण के लिए - एक किराना दकान में साबुन, तेल आदि गुडस है | मुनाफ की खरीद और माल की बिक्री पर निर्भर करता है।
1) Goods :- माल को बिजनेस में नियिमत और मुख्य रूप से खरीदा और बचा जाता है | उदाहरण के लिए - एक किराना दकान में साबुन, तेल आदि गुडस है | मुनाफ की खरीद और माल की बिक्री पर निर्भर करता है।
• 2) Assets :- एस्सेट्स कीमती चीज होती है, जो बिजनेस के लिए आवश्यक होती है और बिजनेस की सम्पति होती है| उदाहरण के लिए- बिल्डिंग, वेइकल, मशीनरी, फर्नीचर
• 3) Liabilities :- लाइअिबलटीज़ दुसरो द्वारा बिजनेस को दि जाती है है। उदाहरण
के लिए – बैंक से लिया गया लोन, क्रेडिट पर माल की खरीद।
• 4) Capital :- किपटल यान पूंजी जो बिजनेस के मालिक द्वारा किया गया निवश
होता है| यह किपटल कैश, गुडस या एस्सेट्स के रूप में होता है। जब की यह किपटल बिजनेस के मालिक द्वारा
इन्वेस्ट किया गया है, तो बिजनेस के अनसार यह
किपटल भी एक लाइअिबलटीज़ होती है |
• 5) Debtor:- वह व्यक्ति जिसे उधार में सामान बेचा होता हे जिससे बिजनेस को निश्चित राशि
लेनी होती है उस डेटर कहा जाता है |
• 6) Creditor :- वह व्यक्ति जिससे उधार में सामान
ख़रीदा होता हे जिन्हें हमार बिजनेस को निश्चित राशि देनी होती है ह उन्हें
क्रेडिटर कहा जाता है।
• 7) Business Transaction :- एक वित्तीय घटना है जो बिजनेस से सबंधित है और जिसका प्रभाव
कंपनी की वित्तीय स्थिति पर पडता है | उदाहरण के लिए – माल की खरीद, वेतन, क्रेडिट पर माल को बचना।
• 8) Cash Transaction :- जो ट्रांजेक्शन नकदी में किए जात है उन्हें कैश ट्रांजेक्शन
कहा जाता है|
• 9) Credit Transaction :- जो ट्रांजेक्शन क्रेडिट पर किए जात है उन्हें क्रेडिट
ट्रांजेक्शन कहा जाता है।
• 10) Account:- अकाउंट किसी ट्रांजेक्शन का स्टेटमेंट होता है, जो किसी एस्सेट्स , लाइअिबलटीज़, आमदनी या खर्च को प्रभावित करता है |
• 11) Ledger :-लेजर एक बुक होता है जिसम
पर्सनल, रियल या नॉमिनल के सभी अकाउंट होता है जिनकी
एंट्री ,जेर्नल या सहायक पुस्तिका में होती है |
Types of Accounts:
• 1) Personal Accounts:- सभी व्यक्ति, सोसायटी, ट्रस्ट, बैंक और कपिनयों के खात
पर्सनल अकाउंट है | उदाहरण के लिए - Rahul
A/c, Gayatri Sales A/c, Subodh Traders A/c, Bank of Maharashtra A/c.
• 2) Real Accounts:- रियल अकाउंट में सभी
एसेट्स और गुडस अकाउंट शामिल है। जैसे- Cash A/c, Furniture a/c, Building
A/c.
• 3) Nominal Accounts:- बिजनेस से संबंधित
सभी आय और खर्च नॉमिनल अकाउंट के अंतगत आत है। उदा - Salary A/c, Rent A/c,
Commission A/c, Advertisement A/c, Light Bill A/c.
• Golden Rules of Accounts:
ट्रांजेक्शन करते समय, हम डेबिट या क्रेडिट साइड का फसला करना होता है। इसके निम्नलिखित नियम है –
ट्रांजेक्शन करते समय, हम डेबिट या क्रेडिट साइड का फसला करना होता है। इसके निम्नलिखित नियम है –
• 1) Personal
Accounts:-
Debit : The Receiver or Debtor
Credit : The Giver or Creditor
Debit : The Receiver or Debtor
Credit : The Giver or Creditor
• 2) Real Accounts:
Debit : What comes in
Credit : What goes out
Debit : What comes in
Credit : What goes out
• 3) Nominal Accounts:
Debit : All Expenses & Losses
Credit : All Incomes & Gains
Debit : All Expenses & Losses
Credit : All Incomes & Gains
Double Entry System of Book Keeping
प्रत्येक ट्रांजेक्शन व्यापार पर दो तरीक से प्रभावित करता
है|
उदाहरण के लिए,
• a)
गुडस कैश में खरीदा – इस ट्रांजेक्शन में गुडस बिजनेस में आ रहा है लकिन उसी समय बिजनेस से कैश बाहर
जा रही है |
• b)
गुडस क्रेडिट पर दत्ता ट्रेडर्स को बचा – इस ट्रांजेक्शन में गुडस बिजनेस से बाहर जा रहा है आिण उसी
समय दत्ता ट्रेडर्स हमार कारोबार का देनदार हो जाता है |
डबल एंट्री सिस्टम के अनसार – ऐस सभी बिजनेस ट्रांजेक्शन को अकाउंट में रिकॉर्ड करते समय इसके दो पहलू होता है Debit aspect (receiving) और Credit aspect (giving).
डबल एंट्री सिस्टम के अनसार – ऐस सभी बिजनेस ट्रांजेक्शन को अकाउंट में रिकॉर्ड करते समय इसके दो पहलू होता है Debit aspect (receiving) और Credit aspect (giving).
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ham jald hi apko replay karenge